Most Effective These powers were hidden in Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के पास एक साधना कर रहे थे। रामकृष्ण परमहंस ने विवेकानन्द को एक साधना बताई और कहा- ये ऐसी साधना है जिसे यदि तुम पूरे शांत मन से और अच्छी तरह करना सीख जाओगे तो तुम अपने भाव से दूसरे के भाव को बदलने की शक्ति प्राप्त कर लोगे। विवेकानंद उस साधना को हर रोज़ करने लगे। रामकृष्ण के आश्रम में और भी कई साधक रहते थे जिनमें एक बड़ी उम्र के भोले भाले बुजुर्ग भी थे।

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जो पूजा-पाठ किया करते थे। एक दिन राम एकाकी और कृष्ण परमहंस नहाने के लिए गए तभी उन्होंने देखा की वो बुर्जुग अपनी पूजा की सामग्री और देवी देवताओं की तस्वीर लिए कहीं जा रहे जवाब दिया- पता नहीं क्यों लेकीन मेरे मन में अचानक से भाव उठा की इन तस्वीरों को ले जाकर जल में विसर्जित (छोड़) कर दो।

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रामकृष्ण ने कहा- चलो आश्रम वापस चलो। मुझे पता है की तुम्हें ऐसा भाव क्यों आया है। रामकृष्ण परमहंस और बुजुर्ग साधक आश्रम वापस आये। रामकृष्ण ने कहा- विवेकानंद कहाँ है? उसे यहाँ लेकर आओ। विवेकानंद मुस्कुराते हुए आए। रामकृष्ण ने कहा- तुमने इन बुजुर्ग साधक के साथ कोई शरारत की है? विवेकानंद ने कहा- नहीं, मैंने तो अपनी साधना करते हुए सिर्फ ये भाव किया था की वो बुजुर्ग साधक अपनी इन पुजनीय तस्वीरों को जल में विसर्जित कर दे।

रामकृष्ण, विवेकानंद से बोले- देखो अगर तुम इस तरह अपनी सिद्धियों का उपयोग करोगे तो तुम्हारी साधना बंद। विवेकानंद ने रामकृष्ण से माफी माँगी। दोस्तों स्वामी विवेकानंद ने सिर्फ मन में भाव किया था की वो बुजुर्ग अपनी तस्वीरों को जल में विसर्जित कर दें और विवेकानंद का ये भाव उस बुर्जुग तक बिना बोले ही पहुँच गया और वो बुर्जुग तस्वीरों को विर्सजित करने चले गए। साधना / ध्यान में इतनी ताकत होती है की

आप अपने दिमाग से किसी दूसरे के विचारों को भी बदल सकते है। लेकीन ये तभीमुमकिन है जब किसी ने बहुत अधिक साधना एकल की हो । अब कुछ लोग वैज्ञानिक बन कर आएंगे जिन्हें आधुनिक विज्ञान का कुछ नहीं पता होगा और कहेंगे की ये सब अंधविश्वास है। तो आपसे कह दूँ रूस में wolf messing नाम का एक ऐसा ही व्यक्ति हुआ था जो अपने विचार, अपने भाव से दूसरों के विचार बदल देता था। wolf messing के जीवन पर कई किताबें भी लिखी जा चुकी है।

दुनिया के कई ऐसे हिस्से है जिन्होंने इस प्रयोग को किया है। भारत में गुरु-शिष्य परंपरा में ऐसी कई प्रकार की साधना करवाई जाती थी जिससे साधक में कई प्रकार की सिद्धियां आ जाती थी। ये सिद्धि कैसे मिलेगी? ये जानने से पहले आप अभी के अभी हमारे को follow कीजिए ताकि ऐसी काम की पोस्ट आपसे मिस ना हो। follow किए बिना कहीं मत जाना। ये साधना प्रकिया कुछ इस प्रकार की होती है

कई दिनों तक ध्यान करने के बाद जब साधक का मन पूरी तरह शांत हो जाता है। जब साधक के अपने निजी कोई विचार नहीं बचते तब वो अपने विचार / अपने भाव दूसरों तक भेज सकता है और उनके दिमाग को परिवर्तित भी कर सकता है। आपको नियमित रूप से ध्यान करना होगा, योग करना होगा। अपने शरीर, बुध्दि, मन को शांत बनाना होगा। ये कोई जादू टोना नहीं है, हम अपनी संस्कृति से दूर हट गए है इसलिए ये बातें बड़ी मालूम होती है।

कुछ सालों पहले तक ये बातें बहुत सामान्य थी। इसलिए ध्यान कीजिए आपकी पूरी ज़िंदगी ही सिद्ध हो जाएगी। आपमें से कितने लोग इस टॉपिक पर और पोस्ट चाहते है? वो लोग कमेंट में yes लिखें। दोस्तों सोशियल मीडिया पर लोग गंदे और बिना मतलब की चीज़ों को शेयर करना ज्यादा पसंद करते है। इस पोस्ट को शेयर करना आपकी ज़िम्मेदारी है ताक़ि लोगों को देश की महान संस्कृति जानकारी मिले।

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