Bharat ki vanaspati :- किसी भी देश का कम से कम 1/3 भाग वनाच्छादित होना चाहिए। मैदानी क्षेत्रों में 20% तथा पर्वतीय क्षेत्रों में 60% भूमि पर वन होना चाहिए। 2015 में भारत में भारत में 1.34% भूमि पर ही जंगल है।
वन क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में 10 वां स्थान है।:-
- रूस
- ब्राजील
- कनाडा
- USA
- चीन
Static Gk
पापुआ न्यूगिनी का 92% भाग जंगल है।महाद्वीपों में दक्षिणी अमेरिका में सर्वाधिक जंगल तथा आस्ट्रेलिया में सबसे कम जंगल है। भारत जलाऊ और नरम लकड़ियों का सबसे बड़ा भण्डार है। 1894 में भारत में सर्वप्रथम वननीति घोषित की गई। 1952 तथा 1988 में इसे संशोधित किया गया।1927 में forest Act लागू किया गया। जिसके तहत वनों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
आरक्षित जंगल:-Bharat ki vanaspati
ऐसे जंगल जहाँ लकड़ी बीनने तथा पशु चराने पर भी प्रतिबंध होता है।परन्तु Traditiond dwellers Act के तहत कुछ छूट दे दी गई। कुल जंगलों का 52% इसी श्रेणी में है।
सुरक्षित जंगल :-Bharat ki vanaspati
कुल वनों का 307 इस श्रेणी में आता है। इसमें लकड़ी काटने पर प्रतिबंध होता है।
अवर्गीकृत जंगल :-Bharat ki vanaspati
इन जंगलों को किसी प्रकार का संरक्षण प्राप्त नही है। भारतीय वनों का 57% प्रायद्वीपीय पठारों में पाया जाता है। विंध्य और अरावली भी इसमें शामिल है।हिमालय पर कुल वनों का 18% पाया जाता है। देहरादून में वन संरक्षण संस्थान की स्थापना की गई। जो कार्टोसेट द्वारा प्रति 2 वर्ष पर वन सर्वेक्षण करता है। इस सर्वेक्षण के अनुसार सर्वाधिक वन संरक्षण वाले राज्य है।
मिजोरम (88.93%)
अरुणांचल प्रदेश (80.037.)
नागालैण्ड
मेघालय
केन्द्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप में सर्वाधिक बन प्रतिशत है. 84-56%अण्डमान निकोबार का दूसरा स्थान है – 81-847 क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वन वाले राज्य है।
(A) M.P.
(B) अरुणाचल
(C) छत्तीसगढ़
(D) महाराष्ट्र
वनों का न्यूनतम % निम्न राज्यों में है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तरप्रदेश
4500 मी. की ऊँचाई कोSnow line. कहते है।इसके बाद कोई भी वृक्ष नही पाया जाता। देवदार और चीर सर्वाधिक ऊँचाई पर पाये जाते हैं।यूके लिप्टिस सबसे ऊँचा वृक्ष है।बाँस सर्वाधिक तीव्र गति से बढ़ने वाला वृक्ष है। सागौन भारत में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाना वाला वृक्ष है।
भारत में वनों को निम्न श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है।
(i) सदाबहार वन:- (Bharat ki vanaspati)
इस प्रकार के वन उन क्षेत्रों में पाये जाते हैं जहाँ 200 cm. से अधिक वर्षा होती है।
1.उत्तर पूर्वी भारत
2.पश्चिमी घाट
3.अण्डमान निकोबार
इन वनों में पल्लवन का समय भिन्न होता है अत: ये वर्ष भर हरे-भरे दिखते हैं। इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं.-1.महोगनी, 2.एबोनी, 3.आबनूस, 4.रोजबुड (शीशम)
(ii) पर्णपाती वन:–(Bharat ki vanaspati)
भारत के सर्वाधिक क्षेत्रों में पर्णपाती वन ही पाये जाते हैं।इन्हें दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है
A.आद्रपर्णपाती वन
B.शुष्क पर्णपाती वन
(A) आद्रपर्णपाती वन :-
इन वनों को मानसूनी वन भी कहते हैं। इनका विस्तार पंजाब से असम तक तराई वाले क्षेत्र पश्चिम बंगाल, M.P., महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक में है। इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं? –
1.साल
2.सागौन
3.साबू
4.शहतूत
5.पलास
6.चंदन
7.आम
8.जामुन
9.गूलर
B.शुष्क पर्णपाती वन
ये वन 60-100 cm. वर्षा वाले स्थलों में पाये जाते हैं।
भारत में सर्वाधिक क्षेत्रफल इन्ही वनों का है।
1.पंजाब
2.हरियाणा
3.M.P.
4.महाराष्ट्र
5.आन्ध्रप्रदेश
6.कर्नाटक
इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं
1.तेंदू
2.पलाश
3.बेल
4.कत्या
5.आम
6.महुआ
7.बरगद
8.शीशम
9.बबूल
(iii) हिमालयन वन [Mountainous farest ]-
हिमालय के पश्चिमी भाग की तुलना में पूर्वी भाग में अधिक वर्षा होती है। इसी प्रकार हिमालय के दक्षिणी भाग पर वर्षा होती है।
इसीलिए हिमालय की वनस्पतियों में सर्वाधिक भिन्नतापायी जाती है। पूर्वी हिमालय के प्रमुख वृक्ष हैं.साल, शीशम, स्प्रूस, चंदन, चीड़, देवदार, ओक, विलोफर, बर्च, सिल्वर फट, मैपिल, मैग्नोलिया, एल्डर भोजपत्र, जूनीपर, लिचेन, लारेल
पश्चिमी हिमालय के प्रमुख वृक्ष हैं:- सेमल,धाक, बाँस, आंवला, शीशम, चीड़, देवदार, बालसम, बेर, साल, एल्डर, बर्च
(vi) रेगिस्तानी या मरुस्थलीय वन :-
160 cm से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में ये वन पाये जाते हैं।जल की कमी के कारण पत्तियाँ छोटी, कम एवं काँटेदार होती हैं। जिससे वाष्पोत्सर्जन तथा जानवरों से इनकी रक्षा हो जाती है।इन वृक्षों की जड़े जल की तलाश में गहरी हो जाती हैं।इन वनों का विस्तार राजस्थान, दक्षिणी पंजाब, हरियाणा एवं बुंदेलखण्ड में है।ऐसे वनों के प्रमुख वृक्ष हैं। बबूल, बेल, खजूर, कत्था,नीम, खेजड़ी, पलास
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(v) मैग्रोव वनस्पति या कच्छ वनस्पति:-
इसे दलदली या ज्वार-भादा वनस्पति भी कहा जाता है। सुंदरवन में इसका सर्वाधिक विस्तार होने के कारण इसे सुंदरवन के नाम से भी जाना जाता है। मैग्रोत वनस्पति खारे पानी में, उठाने में समर्थ होती है। पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक विस्तार है।गुजरात का दूसरा स्थान है।
विश्व की कुल 7 % मैगोव वनस्पति भारत में पायी जाती है। भारत में इसके कुछ अन्य प्रसिद्ध क्षेत्र हैं।:-
आन्ध्र व तमिलनाडु के तटीय भाग
महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी के डेल्टा
इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं.- सुन्दरी, ताड, नारियल, फोनिक्स, केवड़ा, सुपारी और रोजीफोरा
चोल वन.–
यह शीतोष्ण कटिबंधीय वनस्पति है।भारत में इसका विस्तार नीलगिरि, अन्नामलाई, सतपुड़ा महादेव, मैकाल तथा पलनी की पहाड़ियों पर है।
इसके प्रमुख वृक्ष है- मैग्नोलिया, लैरिल, सिनकोना